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फैटी लिवर के लक्षण, कारण और उपचार क्या है

    Fatty liver

    गलत खानपान की वजह से फैटी लिवर एक बड़ी समस्या बन गई है। फैटी लिवर को हम अपनी डाइट में बदलकर आसानी से इलाज कर सकते हैं। अगर आप फैटी लिवर की समस्या से परेशान हैं तो अपनी दिनचर्या में बदलाव कर इस समस्या से बच सकते हैं।

    फैटी लिवर के प्रकार

    1. अल्कोहलिक
    2. गैर – अल्कोहलिक

    क्या है फैटी लिवर के लक्षण

    शुरुआत में आपको कोई लक्षण महसूस नहीं होंगे, लेकिन जब समस्या बड़ी हो जाती है, तब आपको इसके लक्षण महसूस हो सकते हैं।

    थकान, मतली, पेट में दर्द, शरीर के वजन में कमी, भूख न लगना और भ्रम इसके सामान्य लक्षण हैं। कुछ लोगों को सभी लक्षण महसूस होते हैं और कुछ उनमें से कुछ ही। पेट में दर्द रोज की समस्या बन जाती है।

    यह समस्या इतनी गंभीर नहीं है, लेकिन अगर समय पर इसका निदान न किया जाए और इलाज में देरी की जाए तो यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आप लंबे समय से रोजाना पेट से जुड़ी समस्या महसूस कर रहे हैं तो डॉक्टर से मिलें।

    फैटी लिवर के कारण

    • शराब का अत्यधिक उपयोग।
    • यह एक जेनेटिक बीमारी है, अगर आपके परिवार में किसी को पहले से यह समस्या है तो आपको होने की संभावना है।
    • अधिक मोटापा भी कारण बनता है।
    • दवाओं के अधिक सेवन से भी लीवर की समस्या हो सकती है।
    • गलत खान-पान भी इस समस्या को बढ़ावा देता है।

    फैटी लिवर की समस्या को दूर करने के लिए क्या खाएं

    हरी सब्जियां :- पालक, पत्तागोभी को अपने आहार का हिस्सा बनाएं। हरी सब्जियां वजन कम करने और फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में मदद करेंगी।

    मछली:- कई प्रकार की मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है जैसे सैल्मन, ट्राउट और टूना। ओमेगा-3 फैटी एसिड लिवर की चर्बी को नियंत्रित करता है

    दलिया :- दलिया बहुत ही हल्का भोजन है जो आसानी से पच जाता है। दलिया में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होता है, कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर को शक्ति देगा और फाइबर आपके पेट को भर देगा। इस तरह बिना ज्यादा खाए आप अपना वजन कंट्रोल में रख सकते हैं।

    अखरोट:- अखरोट लीवर की कार्यप्रणाली को ठीक करता है, अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड काफी मात्रा में होता है।

    सूरजमुखी के बीज:- सूरजमुखी के बीज में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो लिवर को और भी खराब होने से रोक सकते हैं।

    जैतून का तेल:- जैतून के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। यह सेहत के लिए किसी भी अन्य तेल या मक्खन से बेहतर है। जैतून का तेल लिवर एंजाइम को कम करने और वजन नियंत्रण में मददगार होता है।

    लहसुन:- लहसुन का सेवन करने से वजन कंट्रोल में रहता है जो लिवर के लिए बहुत उपयोगी होता है।

    ग्रीन टी:- ग्रीन टी लिवर की कार्यप्रणाली को सही कर पाचन को मजबूत कर सकती है।

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    टिप्पणी:

    साइट पर दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए प्रदान की जा रही है। जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।

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